कलह क्लेश की दुनिया, किसके मन को भाती लड़ते लड़ते आत्माएं, देखो कितना थक जाती। कलह क्लेश की दुनिया, किसके मन को भाती लड़ते लड़ते आत्माएं, देखो कितना थक जाती।
एक सुबह जब देर होने पर भी, बिलकुल नहीं हम बड़बड़ायें। एक सुबह जब देर होने पर भी, बिलकुल नहीं हम बड़बड़ायें।
निज भाषा को अपनायें निज संस्कृति के मोती पायें निज भाषा को अपनायें निज संस्कृति के मोती पायें
जुल्म और जुर्म में बताते थे जो कभी अंतर, अब जुर्म कर रहे वो और जुल्म सह रहे हैं वो। जुल्म और जुर्म में बताते थे जो कभी अंतर, अब जुर्म कर रहे वो और जुल्म सह रहे ह...
एक बार जो इस दरबार में आ गया, भूल कभी ना पाता है। एक बार जो इस दरबार में आ गया, भूल कभी ना पाता है।
तो न्यूज में सच न्युज का करता क्यों है बात। तो न्यूज में सच न्युज का करता क्यों है बात।